Krishna Janmashtami kab hai ? कृष्णा भगवान का जन्म कब हुआ ?

Krishna Janmashtami kab hai ? कृष्णा भगवान का जन्म कब हुआ ?

Hello दोस्तो आज बार करेंगे हम उनके जन्म दिन के बारे में और उनके पीछे क्या था असल में जिसे हम हर वर्ष जन्माष्टमी के रूप में मनाते है । भगवान कृष्ण का जन्म के रूप में हम सभी कृष्णा जन्माष्टमी मानते है ये तो सभी पता है लेकिन किस दिन और कब मनाई जाती है ? Krishna Janmashtami kya hai ? 


सामान्य इसको हिंदू धर्म के लोग अधिक रुचि लेते है लेकिन कही कही पर इसको अन्य धर्म के लोग भी इस त्योहार में सामिल होते है लुप्त उठाते है । क्या आप जानते है ? कृष्णा जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है । इसमें भगवान कृष्ण के जन्म दिन को माना जाता है 


लेकिन दोस्तो क्या आपको पता है भगवान कृष्ण किसके अवतार है ? भगवान कृष्ण विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चो ओबिश अवतारों में से बाइसवे अवतार श्री कृष्ण का माना जाता है। इसलिए इनको विशेष रूप से मनाया जाता है । 



Krishna Janmashtami kab aati hai ? 


कृष्णा जन्माष्टमी प्रति वर्ष हिंदू कैलेंडर के अनुसार कृष्ण पक्ष के आठवें दिन अर्थात अष्टमी को भाद्रपद में मनाया जाता है । सामान्यता august या September months में आता है । 


इनके अनुयायी कौन कौन है ? 


हिंदू, नेपाली,भारतीय,भारतीय और नेपाली प्रवासी । आदि इनके अनुयायी है और इसको celebration करते है । इस दिन बहुत ही खास दिन के जैसे मनाया जाता है 


Krishna Janmashtami kyu manaya jata hai ? 


भगवान कृष्ण के आदर्शो को याद करना और उनका पालन करना। हालाकि देखा जाए तो इसकी शुरुआत काफी समय पहले हो गई थी । अति प्राचीन काल मैं ।


किस तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मानते है ?

-- श्रवण मास कृष्ण पक्ष, अष्टमी को  



यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है खासकर हिंदू धर्म के लोगो के लिए और इसमें भी हिंदू धर्म के वैष्णव परंपरा में । कृष्णा जन्माष्टमी को सभी जगह अलग अलग हो सकता है लेकिन आप देख सकते है। अपने आस पास वहा कैसे मनाते है जैसे उस दिन पूजा, भजन, कीर्तन, उपवास रात्रि जागरण आदि सारी प्रकार से होता है और लोग इस दिन अच्छे से भगवान कृष्ण के जन्म का इंतजार करते है ।


कहा जाता है जब रात्रि के 8 घड़ी समय निकालें तो फिर जब चांद आता है तब सभी लोग इसको सेलेरेंट करते है। कहा जाता है जब चांद आया था तब उनका जन्म हुआ था । कही कही ऐसा भी माना जाता है । उस रात्रि को चांद की छाया आई थी लेकिन सभी जगह अलग अलग मान्यता है । 


इस दिन खास तोर से कृष्ण जी का मंदिर अति शोक्ति पुण सजाया जाता है और उसमे एक भव्य दृश्य होता।है जिसमे भक्तो का मेला होता है और लोग दर्शन करने आते है । और सभी अपनी पूजा को करते है । 


कृष्णा भगवान के पिता का क्या नाम था ? 

वाशु देव आनक दुंदुभी !


माता का नाम – देवकी ! 


भाई का नाम – बलराम 


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